आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा - संत रामपाल जी बनाम जय गुरुदेव पंथ तुलसी साहेब जी (मथुरा)


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यह चर्चा जयगुरुदेव पंथ के प्रवर्तक संत तुलसीदास साहिब जी द्वारा प्रदान की गई आध्यात्मिक शिक्षाओं के बारे में है। उनके द्वारा प्रदान किए गए सतलोक के ज्ञान पर तथा मोक्ष मंत्र पर यह वीडियो केंद्रित है। संत रामपाल जी महाराज ने इस चर्चा में तुलसीदास साहेब जी की शिक्षाओं और उनके द्वारा दिए जाने वाले मोक्ष मंत्र का खंडन प्रमाण सहित किया हैं। चर्चा में संत रामपाल जी महाराज ने बताया है कि तुलसीदास साहेब जी ने आध्यात्मिक ज्ञान की कमी के कारण गलत मोक्ष मंत्र का प्रचार किया और सतलोक की ग़लत समझ के कारण जो भोली भाली आत्माएं उनके साथ जुड़ी वह काल ब्रह्म के जाल में ही फंसी रहीं।

वहीं तुलसी साहिब जी के विपरीत संत रामपाल जी महाराज पवित्र ग्रंथ कबीर सागर के प्रमाणों के साथ अपनी शिक्षाओं की पुष्टि करते हैं। तुलसीदास साहेब जी द्वारा समझी गई सतलोक और सतनाम की गलत परिभाषा को संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाण सहित बताया है और इनकी सही परिभाषा को सतग्रंथों से सभी को समझाया हैं। जहां पवित्र धार्मिक ग्रंथ और परमेश्वर कबीर साहेब जी मोक्ष के लिए गुरु की आवश्यकता पर जोर देते हैं वहीं इस सिद्धांत को शिवदयाल जी द्वारा अनदेखा किया गया क्योंकि उनके कोई गुरु नहीं थे और उन्होंने मनमाने मंत्र और साधना की शुरुआत की, उन्हीं शिक्षाओं से एक बनी एक शाखा है जय गुरुदेव पंथ।

चर्चा में संत रामपाल जी महाराज द्वारा जयगुरुदेव पंथ के पांच मंत्रों को भी चुनौती दी गई है, जो मोक्ष की प्राप्ति कराने में असमर्थ हैं। तुलसीदास साहेब जी की सतपुरुष को निराकार मानने की धारणा का संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाण सहित खंडन किया है। उन्होंने बताया है कि सतपुरुष का मानव जैसा रूप है और वह राजा के समान सतलोक में विराजमान है। इसके अलावा, 1951 में जन्में एक अन्य महान संत के बारे में तुलसीदास साहिब जी ने भविष्यवाणी की थी। इससे सिद्ध होता है कि वह महान संत तुलसीदास साहिब जी से भिन्न है, जिसकी तरफ तुलसीदास साहिब जी संकेत कर रहे हैं।

चर्चा में संत रामपाल जी महाराज ने जयगुरुदेव पंथ के तुलसीदास साहेब जी द्वारा दिए गए भ्रामक आध्यात्मिक ज्ञान और गलत मोक्ष मंत्र का भी पर्दाफाश किया है। सतलोक का सही मार्ग जानने के लिए देखिए दोनों के बीच यह आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा और जाने मोक्ष का सटीक मंत्र। साथ ही जाने तुलसीदास साहिब जी के जय गुरुदेव पंथ के बारे में रहस्यमय तथ्यों को


 


 

FAQs : "आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा - संत रामपाल जी बनाम जय गुरुदेव पंथ तुलसी साहेब जी (मथुरा)"

Q.1 1. संत रामपाल जी महाराज जी की बताई शिक्षाएं जय गुरुदेव संप्रदाय के तुलसीदास साहिब जी की शिक्षाओं से किस तरह भिन्न हैं?

संत रामपाल जी महाराज जी हमारे पवित्र शास्त्रों और कबीर सागर से प्रमाणित ज्ञान बताते हैं। जबकि तुलसीदास जी राधा स्वामी पंथ के संस्थापक शिवदयाल जी के पंथ से निकली एक मनमुखी शाखा है जो उन्हीं द्वारा प्रचारित मनमानी और गलत शिक्षाओं का प्रचार करते हैं जो हमारे पवित्र शास्त्रों के बिल्कुल विपरीत हैं।

Q.2 संत रामपाल जी महाराज जी और तुलसीदास जी सतलोक के बारे में क्या बताते हैं?

संत रामपाल जी महाराज जी ने सतलोक के बारे में हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुसार ज्ञान बताया है। जबकि तुलसीदास जी ने सतलोक के बारे में गलत धारणाएं प्रस्तुत की हैं।

Q. 3 3. संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार भक्ति मार्ग में गुरु की क्या भूमिका है? उनकी बताई हुई शिक्षाएं शिवदयाल जी और जय गुरुदेव संप्रदाय की प्रथाओं से कैसे भिन्न हैं?

संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने के लिए सच्चे गुरु का मिलना बहुत ज़रूरी है। जबकि शिवदयाल जी द्वारा चलाया राधा स्वामी पंथ निगुरा पंथ है यानी शिवदयाल जी का कोई गुरु नहीं था। शिवदयाल जी और जयगुरुदेव पंथ दोनों ही मनमाने मंत्र और साधनाएं बताते हैं और इनकी बताई साधना निष्फल है क्योंकि यह दोनों गुरु पद के अधिकारी संत भी नहीं थे।

Q.4 संत रामपाल जी महाराज जी ने जय गुरुदेव पंथ के द्वारा बताए गए मंत्रों को कैसे हमारे पवित्र शास्त्रों के विपरित बताया है?

संत रामपाल जी महाराज जी जय गुरुदेव पंथ के द्वारा बताए गए मंत्रों को हमारे पवित्र शास्त्रों के विपरित बताते हैं। उन्होंने पवित्र कबीर सागर से प्रमाणित किया है कि जय गुरुदेव ब्रह्म काल से संबंधित साधना बताते हैं, जिससे मोक्ष प्राप्त करना संभव नहीं।

Q.5 सतपुरुष के स्वरूप के बारे में संत रामपाल जी महाराज जी और तुलसीदास जी के क्या विचार हैं?

संत रामपाल जी महाराज जी ने हमारे पवित्र शास्त्रों से प्रमाणित किया है कि सतपुरुष मनुष्य सदृश्य है और सतलोक में राजा की तरह निवास करता है। जबकि तुलसीदास जी सतपुरुष को निराकार बताते हैं।

Q.6 तुलसीदास जी ने एक महान संत के बारे में क्या भविष्यवाणी की है?

तुलसीदास साहिब जी ने 1951 में पैदा हुए एक महान संत के बारे में भविष्यवाणी की थी। उन्होंने बताया था कि वे संत उनसे अलग है और समाज में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति की भूमिका निभाएगा। जिस संत की ओर तुलसीदास जी ने संकेत किया था और कहा था कि वो संत सभी को सच्चा मार्ग प्रदान करेगा वह अवतार कोई और नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।


 

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Sarvesh Sisodiya

मैं पिछले 30 सालों से जय गुरुदेव संप्रदाय से जुड़ा हुआ हूं। मैं तुलसीदास जी द्वारा की गई भविष्यवाणी के बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक हूं‌। आप जी के द्वारा प्रदान की गई वीडियो देखने के बाद तो मुझे ऐसा लगता है कि यह भविष्यवाणी संत रामपाल जी महाराज जी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। लेकिन मैं अभी भी थोड़ा उलझन में हूं कि यह भविष्यवाणी किसके बारे में है।

Satlok Ashram

सर्वेश जी, आप जी ने हमारे लेख को पढ़ा और आपने हमसे इस विषय पर और अधिक जानकारी देने को कहा है इसके लिए आपका स्वागत है। तुलसीदास जी के द्वारा एक महान संत के बारे में भविष्यवाणी की गई है जो संत रामपाल जी महाराज जी के ऊपर पूरी तरह सटीक बैठती हैं। इतना ही नहीं बल्कि कई अन्य भविष्यवक्ताओं ने भी एक आध्यात्मिक संत के उद्भव की भविष्यवाणी की है। उनके अनुसार वे संत मानवता को आध्यात्मिकता के सच्चे मार्ग पर ले जाएगा। जयगुरुदेव जी की तारणहार संत रामपाल जी महाराज जी के बारे में भविष्यवाणियां हैं:- 1) 20वीं सदी के अंत तक वह अवतार एक स्वर्ण युग की शुरुआत करेगा। 2) वह अवतार सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान की क्रांति की शुरुआत करेंगे। 3) वह एक ग्रामीण परिवार में जन्मा भारतीय व्यक्ति होगा। 4) उस अवतार की जन्मतिथि 7 सितंबर 1951 होगी। 5) वह अवतार अपने सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान और सच्ची पूजा की शक्ति से पूरे विश्व पर विजय प्राप्त करेगा। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप भ्रमित न हों बल्कि तारणहार संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताए गए ज्ञान के बारे में गहराई से जानिए ताकि आपके सभी संदेह दूर हो सकें। अधिक जानकारी के लिए हम आपको "ज्ञान गंगा" पुस्तक पढ़ने और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक प्रवचनों को सुनने का निवेदन करते हैं।

Avinash Das

तुलसीदास जी एक पूज्य संत थे। मेरे पिता जी पिछले 20 सालों से उनके द्वारा बताई भक्ति करते आ रहे हैं। हम एक अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

Satlok Ashram

अविनाश जी, आप जी ने हमारे लेख को पढ़कर अपने विचार व्यक्त किए, उसके लिए आपका हार्दिक आभार। यह तो बहुत अच्छी बात है कि आप एक अच्छा जीवन जी रहे हैं, जिसका कारण वास्तव में आपके पिछले अच्छे कर्म ही हैं। लेकिन आपको बताना चाहते हैं कि तुलसीदास जी द्वारा बताया गया भक्ति मार्ग हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुरूप नहीं है। जबकि संत रामपाल जी महाराज जी कबीर साहेब जी की शास्त्र आधारित भक्ति बताते हैं। जिसे करने से भौतिक और आध्यात्मिक दोनों लाभ प्राप्त होते हैं। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप शास्त्रों पर आधारित भक्ति विधि को समझें और करें। इसके लिए आप संत रामपाल जी द्वारा लिखित "ज्ञान गंगा" पुस्तक भी पढ़ सकते हैं और आप उनके आध्यात्मिक प्रवचनों को यूट्यूब चैनल पर भी सुन सकते हैं।