ज्ञान चर्चा: धीरेंद्र शास्त्री Vs संत रामपाल जी महाराज


Sant-rampal-ji-vs-dhirendra-shastri-Hindi-Photo

इस वीडियो में वर्तमान में बहुचर्चित कथावाचक बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री जी के विचार है जिनके अनुसार भगवान शिव अविनाशी हैं। उनका मत है कि शंकर जी और भगवान विष्णु जी दोनों एक ही हैं। इस वीडियो में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से प्रमाण सहित जानेंगे कि क्या वाकई में धीरेन्द्र शास्त्री जी का मत सही है? 

हिंदुओं से धोखा : क्या शिव अविनाशी हैं?

इस बात का निर्णय हम श्रीमद्देवी भागवत से करते हैं। गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक को हिंदू धर्म प्रमाणित मानता है। पवित्र श्रीमद्देवीभागवत गीता, प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित, संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार, चिमनलाल गोस्वामी में 123 पृष्ठ तीसरे स्कंद पर लिखा है कि भगवान विष्णु अपनी माता दुर्गा देवी की स्तुति करते हुए कह रहे हैं कि ‘तुम शुद्धस्वरूपा हो यह सारा संसार तुम ही से उद्भाषित हो रहा है। मैं, ब्रह्मा और शंकर हम सभी तुम्हारी कृपा से ही विद्यमान हैं। हमारा आविर्भाव यानी जन्म और तिरोभाव यानी मृत्यु हुआ करता है। केवल तुम ही नित्य हो, जगत जननी हो और सनातनी देवी हो।’

भगवान शंकर बोले ‘देवी यदि महाभाग विष्णु तुम ही से प्रकट हुए हैं तो उनके बाद उत्पन्न होने वाले ब्रह्मा भी तुम्हारे बालक हुए फिर मैं तमोगुण लीला करने वाला शंकर क्या तुम्हारी संतान नहीं हुआ अर्थात मुझे भी उत्पन्न करने वाली तुम ही हो। शिवे! संपूर्ण संसार की सृष्टि करने में तुम बड़ी चतुर हो। संसार की सृष्टि और स्थिति में तुम्हारे गुण सदा समर्थ है। तीनों गुणों से उत्पन्न हम ब्रह्मा ,विष्णु एवं शंकर नियमानुसार कार्य में तत्पर रहते हैं।’

अब इससे यह भी सिद्ध हो गया कि तीनों गुणों से उत्पन्न रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु, तम गुण शंकर केवल निमित कार्य करने में तत्पर रहते हैं। इस पवित्र देवी पुराण अर्थात श्रीमद्देवीभागवत पुराण ने पांच बाते साफ़ कर दी हैं:

  1. पहला - दुर्गा देवी ब्रह्मा, विष्णु, महेश जी की माता हैं।
  2. दूसरा - दुर्गा जी को प्रकृति भी कहते हैं।
  3. तीसरा - ब्रह्मा, विष्णु, महेश की जन्म-मृत्यु होती है।
  4. चौथा - ब्रह्मा रजगुण, विष्णु सतगुण, शिवजी तमोगुण हैं।
  5. पांचवा - ब्रह्मा विष्णु महेश ये केवल नियमित कार्य ही कर सकते हैं और जैसा आपके भाग्य में है, वैसा ही दे सकते हैं उसमें कोई परिवर्तन नहीं कर सकते हैं।

इस तरह तत्व ज्ञानहीन प्राणियों ने इतना ही विधान बनाकर बता दिया कि जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल भगवान देगा। इन भगवानों से जितना ये परिचित हुए थे उनका उतना ही विधान बता दिया।

संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु, महेश नाशवान हैं इनकी जन्म और मृत्यु होती है। वहीं नक़ली धर्मगुरु हमें ब्रह्मा, विष्णु ,महेश की उत्पत्ति नहीं बता सके और इनको अजर-अमर बताते हैं। विष्णु जी और शिव जी के बारे में कहते हैं, इनका कोई जनक नहीं है, इनके कोई माता पिता नहीं हैं। 

उपरोक्त विवरण व साक्ष्यों को जानकर पाठकों की यह शंका शांत हो सकती है कि भगवान शिव अविनाशी नहीं है, जिसका विवरण संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा प्रमाण सहित दिया गया है। अन्य धर्म गुरु अभी तक शिवजी को अजर-अमर, सर्वेश्वर, महेश्वर, मृत्युंजय कहते रहे थे, जो गलत है। अविनाशी परमात्मा केवल कबीर साहेब जी (कविर्देव) हैं जिनको संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा वेद, गीता, बाइबल, कुरान से कई साक्ष्यों द्वारा प्रमाणित किया जा चुका है। जानने के लिए पूरा वीडियो देखें।