आध्यात्मिक चर्चा - संत रामपाल जी बनाम भारत के चार मठों के शंकराचार्य - 2012


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यह वीडियो संत रामपाल जी महाराज और हमारे देश के मुख्य शंकराचार्य के मध्य हुई आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा का है जिसमें संत रामपाल जी महाराज ने श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 का प्रमाण दिया हैं और बताया कि शास्त्र के अनुसार भक्ति करना ही मोक्षदायक है। सभी शंकराचार्य अपने इष्ट देव श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी, श्री शंकर जी को पूर्ण परमात्मा मानते हैं वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज ने वेदों के तर्क से बताया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।

शंकराचार्यों का मत हैं कि ब्रह्मा जी, विष्णु जी और शंकर जी अजर - अमर है, इनकी जन्म -मृत्यु नहीं होती लेकिन यह नाशवान है। शंकराचार्यों का मानना है कि परमात्मा निराकार है उसके विपरीत संत रामपाल जी महाराज ने यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3 का प्रमाण देकर बताया कि परमात्मा साकार है व सशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)।

शंकराचार्य ने यह भी मान रखा है कि पूर्व जन्म के पाप कर्म आपको भोगने पड़ेंगे जबकि संत रामपाल जी महाराज यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 से प्रमाणित कर रहे हैं कि परमेश्वर कबीर जी (कविर्देव) घोर से घोर पाप को भी समाप्त कर देते है। जब पाप समाप्त होगा तो दुःख भी समाप्त हो जायेगा।

संत रामपालजी और मुख्य शंकराचार्यों के बीच हुई इस आध्यात्मिक चर्चा ने सनातन धर्म के पुनरुत्थान के महत्व को स्थापित किया। इस चर्चा से यह बात भी स्पष्ट हुई कि भगवान की प्राप्ति के लिए शास्त्रों के अनुसार पूजा करना आवश्यक है। देखें और जानें सही पूजा और मंत्रो को इस वीडियो के माध्यम से।