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इस वीडियो में एक आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा प्रस्तुत की गई हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर देगी। इस वीडियो में हम संत रामपाल जी और मधु परमहंस जी के बीच आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा के माध्यम से कई आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर करेंगे। इस वीडियो में कई प्रश्नों के उत्तर है जैसे:

  1.  पूर्ण परमात्मा कौन है?
  2.  पूर्ण संत के क्या लक्षण हैं?
  3.  क्या परमात्मा निराकार है?
  4.  कबीर साहेब कौन हैं?
  5.  सृष्टि रचना कैसे हुई?
  6.  सतनाम, आदिनाम, सारनाम क्या है?
  7.  हमारे शरीर में कितने चक्र हैं?

मधु परमहंस जी एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत हैं जिन्होंने साहिब बंदगी फाउंडेशन की स्थापना की है। वे परमात्मा को निराकार बताते हैं। वे अपने लाखों अनुयायियों को उपदेश देते हैं कि पूर्ण परमात्मा को कभी भी भौतिक रूप से नहीं देखा जा सकता है।  उनका आध्यात्मिक ज्ञान हमारे पवित्र सद्ग्रंथों के विपरीत है और उन्होंने अपने अनुयायियों को धोखे में रख रखा है। मधु परमहंस जी के सिद्धांत निराधार हैं और उनमें वास्तविक ज्ञान का अभाव है। प्रमाण के लिए यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में यह वर्णित है कि परमात्मा साकार है।

 अग्ने तनुः असि। विष्णवे त्वा सोमस्य तनुर असि।।

यह मंत्र स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पूर्ण परमात्मा मनुष्य के समान दर्शनीय है। साथ ही परमेश्वर कबीर जी ने भी कहा है कि

हमारे ही उनिहार हैं हमारे सिरजनहार

लेकिन मधु परमहंस जी का मत है कि भगवान निराकार हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने वेद और गीता से सैकड़ों प्रमाण देकर बताया है कि पूर्ण परमात्मा जो सर्व ब्रह्माण्डों का रचयिता, सबका पालन-पोषण करने वाला है, वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर जी ही हैं। वह शाश्वत स्थान सतलोक में रहता है और संपूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित होता हैं जो भक्तों के कष्टों को नष्ट कर देता है।  

इसके विपरीत मधु परमहंस जी कबीर साहेब को सिर्फ सतगुरु मानते हैं और उनका कहना हैं कि पहले परमात्मा गुप्त थे। परमात्मा ने शब्द उच्चारा और उस से प्रकाश हुआ, परमात्मा उस प्रकाश में लीन हो गया जैसे चीनी पानी में हो जाती है। फिर वो परमात्मा और प्रकाश मिलकर अमरलोक बन गया। उनका ज्ञान पूर्ण रुप से निराधार है और परमात्मा चाहने वालों को परमात्मा के बारे में कोई निष्कर्ष नहीं देता है।

यदि हम सृष्टि की रचना की बात करें तो मधु परमहंस जी के पास सतज्ञान का अभाव है वे सिर्फ अपने भक्तों को लुभाने के लिए काल्पनिक कहानी बताते है। उनका मानना है कि सतलोक में आत्माएं एक सफेद बिंदु के रूप में विद्यमान रहती हैं जो कि गलत हैं।

मधु परमहंस का शरीर में बने चक्रों का ज्ञान भी निराधार है क्योंकि वह बताते हैं कि अंतिम चक्र 8वां है और सिर से 1.5 हाथ ऊपर है। वह कबीर पंथ को मानने का दावा करते हैं लेकिन कबीर साहेब जी ने 9वें चक्र की पुष्टि भी की है जिसमें वह सतगुरु रूप में रहते हैं।

मधु परमहंस का एक और मिथक ज्ञान हैं कि मंत्र जाप के बिना आत्माओं को मुक्त किया जा सकता है क्योंकि आध्यात्मिक गुरु उन्हें मुक्त करने में सक्षम हैं। परन्तु कबीर परमात्मा कहते हैं:

कबीर नाम सुमरले, सुकरम करले।
कौन जाने कल की, खबर नहीं पल की।।

कबीर सागर/ सूक्ष्म वेद के अनुसार नाम दीक्षा प्रक्रिया तीन चरणों में दी जाती है, लेकिन मधु परमहंस जी इसके विपरीत ज्ञान देते हैं।  श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में वर्णित है कि

ॐ तत्सदिति निर्देशो ब्राह्मणस्त्रिविध: हैंस्मृत:।
ब्राह्मणास्तेन वेदाश्च यज्ञाश्च विहिता: पुरा।।

अर्थात मोक्ष केवल तीन मंत्रो के सुमिरन से सम्भव है। ये मंत्र सतनाम और सारनाम/आदिनाम  जो पूर्ण संत द्वारा ही दिए जाते हैं और संत रामपाल जी महाराज अपने भक्तों को ये मंत्र प्रदान करते हैं। लेकिन मधु परमहंस जी जो मंत्र देते हैं वह हमारे पवित्र ग्रंथ और कबीर सागर में प्रमाणित नहीं है।

मधु परमहंस जी के ज्ञान में अनन्त खामियाँ हैं। उन्होंने सभी आत्माओं का मुक्तिदाता होने का दावा किया हैं, लेकिन उनकी शिक्षाएँ पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध हैं। उन्होंने 11वें द्वार को लेकर शोर मचाया है जबकि मोक्ष 12वां द्वार पार करके सम्भव है जिसका प्रमाण सूक्ष्म वेद में है।   

दूसरी ओर, संत रामपाल जी महाराज पवित्र ग्रंथों के गुप्त ज्ञान का खुलासा करते हैं। उनका आधार पवित्र बाइबल, गुरु ग्रंथ साहिब, वेद, पुराण और श्रीमद्भगवत गीता जी जैसे धर्मग्रंथ हैं जो गुरु बनाने की ओर इशारा करते है।  उन्होंने सभी धर्मों के पवित्र धर्मग्रंथों का खुलासा करके सर्वशक्तिमान परमात्मा के बारे में वास्तविक ज्ञान और उसे प्राप्त करने की विधि बताई है।

इस प्रकार, निष्कर्ष यही निकलता है कि मधु परमहंस जी के ज्ञान के मुकाबले, संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सटीक और  शास्त्र प्रमाणित हैं। इन दोनों आध्यात्मिक गुरुओं के बीच दिन और रात जैसा अंतर है। मधु परमहंस जी ने अपने अनुयायियों को एक काल्पनिक सिद्धांत का उपदेश दिया हैं जबकि संत रामपाल जी महाराज ने पवित्र ग्रंथों से उपदेश दिया हैं जिसके माध्यम से लाखों भक्तों को परमात्मा द्वारा दिए जाने वाले लाभ का अनुभव हुआ है।


 

FAQs : "संत रामपाल जी और मधु परमहंस जी के बीच आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा"

Q.1 जम्मू रांझड़ी में स्थित आध्यात्मिक गुरु मधु परमहंस जी के विचार, तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा सर्वोच्च ईश्वर के बारे में बताई गई शिक्षाओं से किस प्रकार भिन्न हैं?

मधु परमहंस जी कहते हैं कि ईश्वर निराकार है। वह अपने लाखों अनुयायियों को उपदेश देते हैं कि पूर्ण परमात्मा को कभी भी भौतिक रूप में नहीं देखा जा सकता है। उनका आध्यात्मिक ज्ञान हमारे पवित्र सतग्रंथों के विपरीत है। जबकि तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हमारे पवित्र शास्त्रों से प्रमाणित करके बताते हैं कि सर्वोच्च ईश्वर कबीर साहेब जी हैं और वह मनुष्य सदृश्य हैं। यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में यह वर्णित है कि परमात्मा साकार है।

Q.2 संत रामपाल जी महाराज जी ने मोक्ष के द्वारों के बारे में मधु परमहंस जी की बातों का खंडन कैसे किया है?

संत रामपाल जी महाराज जी ने प्रमाण सहित बताया है कि मोक्ष बाहरवां द्वार पार करके सतलोक में जाने से प्राप्त होता है। जबकि मधु परमहंस जी ग्यारहवें द्वार पर मोक्ष प्राप्त होने का दावा करते हैं, जिसका हमारे पवित्र शास्त्रों में कहीं भी प्रमाण नहीं है।

Q. 3 संत रामपाल जी महाराज जी और मधु परमहंस जी के सतलोक के बारे में क्या विचार हैं?

संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि सतलोक वह स्थान है, जहां पर पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी रहते हैं और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने के बाद जीव आत्मा भी सतलोक में ही जाती है। जबकि मधु परमहंस जी ने स्पष्ट रुप में सतलोक के बारे में कुछ नहीं बताया।

Q.4 संत रामपाल जी महाराज जी और मधु परमहंस जी की बताई शिक्षाओं में क्या अंतर है?

संत रामपाल जी महाराज जी और मधु परमहंस जी की शिक्षाओं में सबसे बड़ा अंतर शास्त्रों की व्याख्या और ईश्वर के बारे बताए गए विचारों में है। संत रामपाल जी महाराज जी हमारे सभी पवित्र शास्त्रों से प्रमाणित करते हैं कि कबीर साहेब जी ही पूर्ण परमेश्वर हैं और मनुष्य सदृश्य हैं। जबकि मधु परमहंस जी की शिक्षाएं हमारे पवित्र शास्त्रों के विपरित और भ्रामक हैं।

Q.5 संत रामपाल जी महाराज जी और मधु परमहंस जी के अनुसार मोक्ष प्राप्ति में मंत्र जाप का क्या महत्त्व है?

संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर मंत्र जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी का प्रमाण श्री भगवद गीता जी और हमारे अन्य सभी पवित्र शास्त्रों में भी है। इसके विपरीत, मधु परमहंस जी का मानना है कि मंत्र जाप के बिना, केवल आध्यात्मिक गुरु की कृपा से ही मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है, यह धारणा हमारे पवित्र शास्त्रों के विरुद्ध है।


 

Recent Comments

यदि उपरोक्त सामग्री के संबंध में आपके कोई प्रश्न या सुझावहैं, तो कृपया हमें [email protected] पर ईमेल करें, हम इसे प्रमाण के साथ हल करने का प्रयास करेंगे।
Ved Das

मधु परमहंस जी महाराज एक सच्चे कबीरपंथी हैं और वह सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं। वह सभी कबीर पंथियों में से सबसे पुराने हैं। वे अकसर दसवें द्वार के बारे में बताते रहते हैं और इसके बारे में किसी भी कबीरपंथी ने नहीं बताया। वे पृथ्वी पर एकमात्र पूर्ण गुरु हैं जो हमें मोक्ष प्रदान कर सकते हैं। मुझे उन पर पूरा भरोसा है क्योंकि वे पवित्र कबीर सागर से ज्ञान बताते हैं।

Satlok Ashram

वेद जी, आप जी ने हमारे लेख को पढ़कर अपने विचार प्रकट किए, उसके लिए आपका बहुत धन्यवाद। देखिए यह बात तो सभी जानते हैं कि मानव जीवन अनमोल है और 84 लाख योनियों (जन्मों) को पूरा करने के बाद प्राप्त होता है। मानव जीवन का अंतिम उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना है। मधु परमहंस जी की शिक्षाएं हमारे पवित्र शास्त्रों से विपरित हैं। सतभक्ति करने से ही मोक्ष मिलेगा, मधु परमहंस जी की बताई शिक्षाएं धार्मिक शास्त्रों के विरुद्ध हैं जो मनुष्य जीवन को बर्बाद करने वाली हैं। जबकि संत रामपाल जी महाराज जी हमारे सभी धर्मों के पवित्र शास्त्रों के आधार पर सच्चा ज्ञान प्रदान करते हैं, जिस पर चलकर ही पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी ने कबीर सागर और अन्य पवित्र शास्त्रों में से बहुत से प्रमाण प्रस्तुत किए हैं। इससे यह भी सिद्ध होता है कि मधु परमहंस जी के पास सही आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है। संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताई गई सच्ची भक्ति विधि के कारण ही संत रामपाल जी के भक्तों को शारीरिक, मानसिक और भौतिक सभी तरह के लाभ मिल रहे हैं। हम आप जी से निवेदन करते हैं कि आप सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संत रामपाल जी महाराज जी के प्रवचनों को सुनिए। आप पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा" भी पढ़ सकते हैं।

Dr. Prakash Dubey

मैं कुछ हफ़्तों से संत रामपाल जी महाराज जी के लेख पढ़ रहा हूं। मैंने उनके कुछ प्रवचन यूट्यूब पर भी सुने हैं। वह बहुत अद्भुत ज्ञान बताते हैं, जो कि हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुसार है। मुझे उनका ज्ञान सुनकर संतुष्टि मिलती है। लेकिन मैं अंतिम निर्णय लेने से पहले और अधिक गुरुओं के बताए ज्ञान के बारे में जानना चाहता हूं।

Satlok Ashram

प्रकाश जी, आप जी ने हमारे लेखों में रुचि दिखाई, इसके लिए आपका बहुत धन्यवाद। हमें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि आप जी को संत रामपाल जी महाराज के प्रवचन अच्छे लगे। संत रामपाल जी महाराज जी हमारे पवित्र शास्त्रों के अनुसार ज्ञान बताते हैं और उनके द्वारा बताई गई साधना करने से साधकों की भयानक से भयानक बीमारियां भी ठीक हुई हैं। वह सच्चे संत हैं। आप अन्य गुरूओं के उपदेशों को भी सुनें और बताएं ज्ञान का हमारे धार्मिक शास्त्रों से मिलान अवश्य करें। यह जीवन बहुत अनमोल है यह तभी सार्थक होगा जब हम सतभक्ति करते हुए मोक्ष प्राप्त करेंगे। धरती पर संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जो शास्त्रों के अनुसार ज्ञान बताते हैं। आप से निवेदन है कि आप संत रामपाल जी महाराज जी के विभिन्न गुरुओं के साथ हुई ज्ञान चर्चा को यूट्यूब चैनल पर देखें। हम आप जी से निवेदन करते हैं कि आप सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध उनके प्रवचनों को सुनिए और विचार कीजिए। आप संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित "ज्ञान गंगा" पुस्तक भी पढ़ सकते हैं।

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