5. अपने पिता ब्रह्म (काल) की खोज करने के लिए भगवान ब्रह्मा का प्रयत्न


Lord Brahma's Plan to Search His Father Kaal (Brahm)

तब दुर्गा ने ब्रह्मा जी से कहा कि अलख निंरजन तुम्हारा पिता है परन्तु वह तुम्हें दर्शन नहीं देगा। ब्रह्मा ने कहा कि मैं दर्शन करके ही लौटूंगा। माता ने पूछा कि यदि तुझे दर्शन नहीं हुए तो क्या करेगा ? ब्रह्मा ने कहा मैं प्रतिज्ञा करता हूँ। यदि पिता के दर्शन नहीं हुए तो मैं आपके समक्ष नहीं आऊंगा। यह कह कर ब्रह्मा जी व्याकुल होकर उत्तर दिशा की तरफ चल दिया जहाँ अन्धेरा ही अन्धेरा है। वहाँ ब्रह्मा ने चार युग तक ध्यान लगाया परन्तु कुछ भी प्राप्ति नहीं हुई। काल ने आकाशवाणी की कि दुर्गा सृष्टी रचना क्यों नहीं की ? भवानी ने कहा कि आप का ज्येष्ठ पुत्र ब्रह्मा जिद्द करके आप की

तलाश में गया है। ब्रह्म (काल) ने कहा उसे वापिस बुला लो। मैं उसे दर्शन नहीं दूँगा। ब्रह्मा के बिना जीव उत्पति का सब कार्य असम्भव है। तब दुर्गा (प्रकृति) ने अपनी शब्द शक्ति से गायत्राी नाम की लड़की उत्पन्न की तथा उसे ब्रह्मा को लौटा लाने को कहा। गायत्राी ब्रह्मा जी के पास गई परंतु ब्रह्मा जी समाधि लगाए हुए थे उन्हें कोई आभास ही नहीं था कि कोई आया है। तब आदि कुमारी (प्रकृति) ने गायत्री को ध्यान द्वारा बताया कि इस के चरण स्पर्श कर। तब गायत्री ने ऐसा ही किया। ब्रह्मा जी का ध्यान भंग हुआ तो क्रोध वश बोले कि कौन पापिन है जिसने मेरा ध्यान भंग किया है। मैं तुझे शाप दूंगा। गायत्राी कहने लगी कि मेरा दोष नहीं है पहले मेरी बात सुनो तब शाप देना। मेरे को माता ने तुम्हें लौटा लाने को कहा है क्योंकि आपके बिना जीव उत्पत्ति नहीं हो सकती। ब्रह्मा ने कहा कि मैं कैसे जाऊँ? पिता जी के दर्शन हुए नहीं, ऐसे जाऊँ तो मेरा उपहास होगा। यदि आप माता जी के समक्ष यह कह दें कि ब्रह्मा ने पिता (ज्योति निरंजन) के दर्शन हुए हैं, मैंने अपनी आँखो से देखा है तो मैं आपके साथ चलूं। तब गायत्री ने कहा कि आप मेरे साथ संभोग (सैक्स) करोगे तो मैं आपकी झूठी साक्षी (गवाही) भरूंगी। तब ब्रह्मा ने सोचा कि पिता के दर्शन हुए नहीं, वैसे जाऊँ तो माता के सामने शर्म लगेगी और चारा नहीं दिखाई दिया, फिर गायत्री से रति क्रिया (संभोग) की।

तब गायत्री ने कहा कि क्यों न एक गवाह और तैयार किया जाए। ब्रह्मा ने कहा बहुत ही अच्छा है। तब गायत्री ने शब्द शक्ति से एक लड़की (पुहपवति नाम की) पैदा की तथा उससे दोनों ने कहा कि आप गवाही देना कि ब्रह्मा ने पिता के दर्शन किए हैं। तब पुहपवति ने कहा कि मैं क्यों झूठी गवाही दूँ ? हाँ, यदि ब्रह्मा मेरे से रति क्रिया (संभोग) करे तो गवाही दे सकती हूँ। गायत्री ने ब्रह्मा को समझाया (उकसाया) कि और कोई चारा नहीं है तब ब्रह्मा ने पुहपवति से संभोग किया तो तीनों मिलकर आदि माया (प्रकृति) के पास आए।

दोनों देवियों ने उपरोक्त शर्त इसलिए रखी थी कि यदि ब्रह्मा माता के सामने हमारी झूठी गवाही को बता देगा तो माता हमें शाप दे देगी। इसलिए उसे भी दोषी बना लिया।

(यहाँ महाराज गरीबदास जी कहते हैं कि - ‘‘दास गरीब यह चूक धुरों धुर‘‘)


 

FAQs about "अपने पिता ब्रह्म (काल) की खोज करने के लिए भगवान ब्रह्मा का प्रयत्न"

Q.1 .ब्रह्मा जी के असली पिता कौन हैं?

शैतान ब्रह्म/काल ही ब्रह्मा जी का असली पिता है ,जो 21 ब्रह्मांड का मालिक है। सर्वशक्तिमान कविर्देव द्वारा श्रापित होने के कारण उसने अपनी पहचान सभी से छुपाई हुई है। ब्रह्मा जी का जन्म प्रकृति देवी यानी दुर्गा जी और सदाशिव यानी ब्रह्म काल से हुआ था।

Q.2 ब्रह्म काल कौन है?

ब्रह्म काल 21 ब्रह्माण्ड का स्वामी है और उन्हें ज्योति निरंजन, काल, शैतान या ब्रह्म के नाम से भी जाना जाता है। पवित्र गीता जी अध्याय 11 श्लोक 32 के अनुसार पवित्र गीता जी का ज्ञान देते समय ब्रह्म अर्जुन के सामने काल रूप में प्रकट हुआ था।

Q. 3 ब्रह्म काल अव्यक्त क्यों रहता है?

ब्रह्म काल खुद को छुपाकर रहता है, क्योंकि उसे प्रतिदिन एक लाख सूक्ष्म मानव शरीरों की मैल खाने तथा प्रतिदिन सवा लाख प्राणियों को उत्पन्न करने का श्राप लगा हुआ है। वह दिखने में बहुत डरावना है। इसलिए भी वह अपने असली स्वरूप को सबसे छिपाकर रखता है। भगवान कबीर जी ने अपनी वाणी में काल के बारे में समझाया है: इस संसार का काल है राजा, कर्म जाल पसारा हो | चौदह खंड इसके मुख में बसत है, ये सबका करे अहारा हो.. सुर नर मुनि जन सब छल बल मारे, चौरासी में डारा हो | मध्य आकाश आप जा बैठे, वो ज्योति शब्द उजियारा हो ||

Q.4 ब्रह्मा जी को यह क्यों नहीं पता कि उनके पिता कौन हैं?

ब्रह्मा जी अपने पिता की पहचान से अनजान हैं क्योंकि उनके पिता ब्रह्म काल ने जानबूझकर अपनी पहचान को गुप्त रखा है। ब्रह्म काल प्रतिदिन एक लाख मनुष्यों को खाता है।

Q.5 भगवान ब्रह्मा जी ने अपने पिता की खोज करने का प्रयास क्यों किया?

ब्रह्मा जी ने अपने पिता की खोज करने का प्रयास इसलिए किया क्योंकि वह अपनी उत्पत्ति जानने के लिए उत्सुक थे और उन्हें अपनी माँ देवी दुर्गा से इसका संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।

Q.6 काल ब्रह्म कहाँ रहता है?

कहा जाता है कि ब्रह्म काल 21वें ब्रह्मांड के आखिरी छोर में रहता है, जिसे ब्रह्मलोक भी कहा जाता है। यह विभिन्न धर्मों के विभिन्न पवित्र ग्रंथों में वर्णित पूजा के सामान्य साधनों की पहुंच से परे है। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति पवित्र गीता जी अध्याय 15 श्लोक 4 में वर्णित उनके अधिकारी संत के द्वारा भगवान कबीर जी की शरण पाकर ही उन तक पहुंच सकता है और काल ब्रह्म के बारे में सबकुछ जान सकता है।

Q.7 ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं की जाती?

ब्रह्मा जी की पूजा उनकी माता दुर्गा जी से मिले श्राप के कारण नहीं की जाती है। जब ब्रह्मा जी चार युगों तक तपस्या करने के बाद भी अपने पिता को खोजने में असफल रहे, तो वे लौट आए और अपने पिता को देखने के बारे में दुर्गा जी से झूठ बोला। उनके झूठ को जानने के बाद दुर्गा जी ने उन्हें श्राप दिया कि दुनिया में कहीं भी उनकी पूजा नहीं की जाएगी।

Q.8 ब्रह्म का मंत्र क्या है?

पवित्र गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में ब्रह्म के मंत्र का वर्णन है, जो कि ओम है।

Q.9 ब्रह्म की पूजा से क्या प्राप्त होता है?

ॐ मंत्र जो कि ब्रह्म का है, इसके जाप से ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है। लेकिन आत्मा के जन्म –मृत्यु के चक्र में रहने के कारण ब्रह्मलोक प्राप्ति निम्न है। ब्रह्म काल की पूजा से मुक्ति नहीं मिल सकती।

Q.10 क्या ब्रह्म आत्माओं को मुक्ति प्रदान कर सकता है?

ब्रह्म काल आत्माओं को अपने जाल, 'त्रिगुणमयी माया' में फंसाकर रखता है क्योंकि हम सब जीव उसका भोजन हैं। वह किसी भी जीव को अपने जाल से मुक्त नहीं होने देता। जबकि सर्वशक्तिमान कविर्देव के सच्चे उपासक उनकी सच्ची भक्ति करके मुक्ति प्राप्त करते हैं। उस समय ब्रह्म काल असहाय हो जाता है क्योंकि पूर्ण संत की शरण में जाने से आत्माओं को जन्म और मृत्यु के दुष्चक्र और 84 लाख योनियों में कष्टों के जाल से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है।


 

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Sheetal Verma

भगवान ब्रह्मा की पूजा क्यों नहीं की जाती?

Satlok Ashram

ब्रह्मा जी को उनकी माता देवी दुर्गा ने जगत में पूजनीय न होने का श्राप दिया है क्योंकि ब्रह्मा जी नेे अपने पिता ब्रह्म काल को पाने यानी उनके दर्शन करने का प्रयास किया था परंतु काल ने ब्रह्मा जी को दर्शन नहीं दिए थे। वास्तव में ब्रह्म काल छिपकर रहता है। ब्रह्मा जी ने अपनी मां दुर्गा से झूठ बोला था।

Manav Chadda

ब्रह्मा जी के माता-पिता नहीं हैं, वह शाश्वत हैं।

Satlok Ashram

ब्रह्मा जी का पिता शैतान ब्रह्म काल है जिसने किसी के सामने अपने असली रूप में न आने की कसम खाई हुई है क्योंकि वह एक पापी है और सर्वशक्तिमान ईश्वर द्वारा श्रापित है। वह सदा छिपा रहता है और सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान न होने के कारण लोग उसके बारे में नहीं जान पाते। देवी दुर्गा ब्रह्मा जी की माता हैं। ब्रह्मा जी अमर नहीं है और अविनाशी-अमर परमात्मा केवल कविर्देव ही है।

Chavi Singh

भगवान ब्रह्मा स्वयंभू हैं। वह सृष्टिकर्ता हैं और अमर हैं।

Satlok Ashram

भगवान ब्रह्मा जी अमर नहीं हैं, वे जन्म लेते हैं और मर जाते हैं। उनके पिता ब्रह्म काल और माता देवी दुर्गा हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर जी ही अमर हैं। भगवान ब्रह्मा अपने पिता द्वारा प्राप्त 21 ब्रह्माण्डों में सभी जीवों को रजोगुण द्वारा संतान उत्पत्ति के लिए प्रेरित करते हैं, ब्रह्मा जी की शक्तियाँ भी सीमित हैं।ब्रह्मा जी सृष्टिकर्ता नहीं हैं।