फजाईले दरूद शरीफ़ में कबीर परमात्मा की महिमा


God Kabir in Fazaile Darud Shareef

विशेष विचारः- फजाईले आमाल मुसलमानों की एक विशेष पवित्र पुस्तक है जिसमें पूजा की विधि तथा पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब का नाम विशेष रूप से वर्णित है। जैसा कि आप निम्न फजाईले आमाल के ज्यों के त्यों लेख देखेंगे उनमें फजाईले जिक्र में आयत नं. 1ए 2ए 3ए 6 तथा 7 में स्पष्ट प्रमाण है कि ब्रह्म(काल अर्थात् क्षर पुरूष) कह रहा है कि तुम कबीर अल्लाह कि बड़ाई बयान करो। वह कबीर अल्लाह तमाम पोसीदा और जाहिर चीजों को जानने वाला है और वह कबीर है और आलीशान रूत्बे वाला है। जब फरिश्तों को कबीर अल्लाह की तरफ से कोई हुक्म होता है तो वे खौफ के मारे घबरा जाते हैं। यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर होती है तो एक दूसरे से पूछते हैं कि कबीर परवरदिगार का क्या हुक्म है। वह कबीर आलीशान मर्तबे वाला है। ये सब आदेश कबीर अल्लाह की तरफ से है जो बड़े आलीशान रूत्बे वाला है। हजुरे अक्सद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम(हजरत मुहम्मद) का इर्शाद (कथन) कहना है कि कोई बंदा ऐसा नहीं है कि ‘लाइला-ह-इल्लल्लाह‘ कहे उसके लिए आसमानों के दरवाजें न खुल जाए, यहाँ तक कि यह कलिमा सीधा अर्श तक पहुँचता है, बशर्ते कि कबीरा गुनाहों से बचाता रहे। दो कलमों का जिक्र है कि एक तो ‘लाइला-ह-इल्लल्लाह‘ है और दूसरा ‘अल्लाहु अक्बर‘(कबीर)। यहाँ पर अल्लाहु अक्बर का भाव है भगवान कबीर (कबीर साहेब अर्थात् कविर्देव)।

फिर फजाईले दरूद शरीफ़ में भी कबीर नाम की महिमा का प्रत्यक्ष प्रमाण छुपा नहीं है। कृप्या निम्न पढ़िये फजाईले आमाल का लेख।

फजाईले आमाल से सहाभार ज्यों का त्यों लेख:-

फजाइले जिक्र

बल्लत कबीर बूल्लाह आला महादाकुप वाला अल्ला कुम तरकोरून 1

1. और ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करों, इस बात पर कि तुम को हिदायत फरमायी और ताकि तुम शुक्र करो अल्लाह तआला का।

फजाइले जिक्र

अल्लीमूल गैब बसाहादाती तील कबीर रूलमुतालू 2

2. वह कबीर अल्लाह तमाम पोशीदा और जाहिर चीजों का जानने वाला है(सबसे) बड़ा है और आलीशान रुत्बे वाला है।

फजाइले जिक्र

थाजालीका सहारा लाकुम लीतू कबीरू बुल्लाह आला महादा कुम बसीरी रील मोहसीनीन 3

3. इसी तरह अल्लाह जल्ल शानुहू ने तुम्हारे लिए मुसख्खर कर दिया ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करो। इस बात पर कि उसने तुमको हिदायत की इख्लास वालों को (अल्लाह की रिजा की) खुशखबरी सुना दीजिए।

फजाइले जिक्र

माजा काला रब्बूकूम कालू लूलहक्का वाहोवर अल्लीयू उल्ल कबीर 6

6. (जब फरिश्तों को कबीर अल्लाह की तरफ से कोई हुक्म होता है तो वे खौफ के मारे घबरा जाते हैं) यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर हो जाती है, तो एक दूसरे से पूछते हैं कि कबीर परवरदिगार का क्या हुक्म है ? वे कहते हैं कि (फ्लानी) हक बात का हुक्म हुआ। वाकई वह (कबीर) आलीशान और मर्तबे वाला है।

फजाइले जिक्र

कुल हूक्कू मूल्लाही हीलअल्ली लील कबीर 7

7. पस हुक्म कबीर अल्लाह ही के लिए है, जो आलीशान है, बड़े रुत्बे वाला है।

फजाईले दरूद शरीफ

अल्लाहुम-म सल्लि अलारूहि मुहम्मदिन फ़िल् अर्वाहि अल्लाहुम-म सल्लि अला ज-स-दि मुहम्मदिन फिल् अज्सादि अल्लाहुम म सल्लि अला कबिर् (कबीर) मुहम्मिद फ़िल् कुबूरि0<

फजाईले जिक्र

5. हुजूरे अक्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इर्शाद है कि कोई बन्दा ऐसा नहीं कि ‘लाइला-ह-इल्लल्लाहह‘ कहे और उसके लिए आसमानों के दरवाजें न खुल जायें, यहाँ तक कि यह कलिमा सीधा अर्श तक पहुँचता है, बशर्ते कि कबीरा गुनाहों से बचाता रहे।

फ़μकितनी बड़ी फ़जीलत है और कुबूलियत की इन्तिहा है कि यह कलिमा बराहे रास्त अर्शे मुअल्ला तक पहुँचता है और यह अभी मालूम हो चुका है कि अगर कबीरा गुनाहों के साथ भी कहा जाये, तो नफ़ा से उस वक्त भी खाली नहीं।

मुल्ला अली कारी रह0 फरमाते हैं कि कबाइर से बचने की शर्त कुबूल की जल्दी और आसमान के सब दरवाजे खुलने के एताबर से है, वरना सवाब और कूबूल से कबाइर (कबीर) के साथ भी खाली नहीं।

बाज उलेमा ने इस हदीस का यह मतलब बयान फरमाया है कि ऐसे शख्स के वास्ते मरने के बाद उस की रूह के एजाज में आसमान के सब दरवाजे खुल जायेंगे।

एक हदीस में आया है, दो कलिमे ऐसे हैं कि उनमें से एक के लिए अर्श के नीचे कोई मुन्तहा नहीं।‘ दूसरा आसमान और जमीन को (अपने नूर या अपने अज्र से) भर दे

एक ‘लाइला-ह इल्लल्लाह‘,
दूसरा ‘अल्लाहु अक्बर, (परमेश्वर कबीर)

फजाइले जिक्र

‘सुब्हानल्लाहि अल्हम्दु लिल्लाहि अल्लाहु अक्बरू‘(कबिर्)

फजाइले दरूद शरीफ

मन सल्ला अला रूहि मुहम्मदिन फिल् अर्वाहि व अला-ज-स दिही फिल् अज्सादि व अला कबिर् (कबीर) ही फिल कुबूरि0 व इन्नहाल कबीर तुन इल्ला अलल् खाशिलीनल्लजीन यजुन्नून अन्नहुम मुलाकू रग्बिहिन व अन्नहुम इलैहि राजिऊन0 (फजाइले आमाल से लेख समाप्त)

सार:- इससे सिद्ध है कि प्रभु कबीर नाम से है तथा आकार में है, ऊपर सत्यलोक में अपने तख्त पर रहता है।

दोनों धर्मों के शास्त्रों बाईबल तथा कुरान ने भी मिल-जुल कर सिद्ध कर दिया कि परमेश्वर मनुष्य सदृश शरीर युक्त है तथा उसका नाम कबीर है। पाठकों ने उपरोक्त विवरण में कुरान शरीफ व फजाईले आमाल पुस्तकों में ढ़ेर सारे प्रमाण पढ़ें। कृप्या निम्न पढ़े बाईबल में कुछ विस्तृत जानकारी।


 

FAQs : "फजाईले दरूद शरीफ़ में कबीर परमात्मा की महिमा"

Q.1 कबीर जी क्या संदेश दिया करते थे?

कबीर अल्लाह एकता और मोक्ष प्राप्त करने का संदेश दिया करते थे। कबीर साहेब जी कहते थे कि हम सभी एक अल्लाह के बच्चे हैं और हम ब्रह्म काल के जाल में फंसे हुए हैं। काल के जाल से केवल अल्लाह कबीर ही हमें निकाल सकते हैं और पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सकते हैं।

Q.2 कबीर साहेब जी ने हमें कैसा जीवन जीने की शिक्षा दी थी?

कबीर साहेब जी ने हमें अपना उदाहरण देते हुए सादा जीवन जीने, पाखंड, अंधविश्वास से दूर रहने और शास्त्र विधि अनुसार पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर (स्वयं कबीर साहेब जी) की भक्ति करने की शिक्षा दी है। इस तरह करने से ही मनुष्य के पाप नष्ट हो सकते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

Q. 3 कबीर जी की वास्तविकता क्या है?

कबीर साहेब जी स्वयं अल्लाहु अकबर हैं। जिस अल्लाह की खोज में हम युगों से भटक रहे हैं वह अल्लाह कोई और नहीं बल्कि कबीर साहेब जी स्वयं हैं। हम यहां ब्रह्म काल के 21 ब्रह्मांडों में फंसे हुए हैं। केवल अल्लाह कबीर जी के द्वारा बताई गई साधना करने से ही हमारे पाप नाश हो सकते हैं और उसके बाद हम पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में यह सतभक्ति मार्ग और कबीर साहेब जी की वास्तविक जानकारी केवल संत रामपाल जी महाराज ही प्रदान कर रहे हैं।

Q.4 कबीर साहेब जी कौन हैं और वे इतने प्रसिद्ध क्यों हैं?

कबीर साहेब जी स्वयं सर्वोच्च भगवान अल्लाहु अकबर हैं और कबीर जी ही पूरे ब्रह्मांड के निर्माता हैं। कबीर साहेब जी स्वयं इस मृत लोक में आकर अपने साधकों की रक्षा करते हैं। कबीर साहेब जी ब्रह्म काल के पिंजरे से बचाने के लिए समय-समय पर इस धरती पर प्रकट होते हैं। वर्तमान में केवल बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही शास्त्र अनुकूल साधना बता रहे हैं।

Q.5 इस्लाम में प्रथम ईश्वर कौन है?

इस्लाम को मानने वाले केवल एक ही ईश्वर में विश्वास करते हैं और वह ईश्वर अल्लाहु अकबर कबीर साहेब जी हैं। लेकिन अपनी घोर अज्ञानता के कारण वे असली अल्लाहु अकबर कबीर साहेब जी को पहचान नहीं पाते। बाख़बर संत रामपाल जी महाराज ही सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं जिनके द्वारा बताए ज्ञान को समझ कर ही हम अल्लाह की प्राप्ति कर सकते हैं।

Q.6 सर्वशक्तिमान अल्लाह कौन है?

अल्लाहु अकबर कबीर साहेब जी सर्वोच्च और सर्वशक्तिमान भगवान हैं।

Q.7 बाइबिल में अल्लाह कौन है?

पवित्र कुरान शरीफ और पवित्र बाइबिल दोनों में ही कबीर साहेब जी को सर्वशक्तिमान ईश्वर कहा गया है। प्रमाण Iyov 36:5 - रूढ़िवादी यहूदी बाइबिल (OJB) में यह वर्णन किया गया है कि कबीर साहेब ही पूजा के योग्य सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं।

Q.8 अल्लाह और कृष्ण जी में कौन अधिक शक्तिशाली है?

अल्लाहु अकबर कबीर साहेब जी सर्वशक्तिमान हैं और संपूर्ण ब्रह्मांडों के एकमात्र निर्माता हैं। अन्य सभी देवता जैसे ब्रह्मा, विष्णु (राम,कृष्ण) शिव सभी कबीर जी के आधीन हैं।

Q.9 सच्चा अल्लाह कौन है?

एकमात्र सच्चे अल्लाह सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर साहेब जी हैं। इसका प्रमाण हुज़ूरे अकदस सल्लल्लाहु अलैहि और सल्लम के फजाईले दरूद शरीफ में है। यहां बताया गया है कि कबीर साहेब ही सर्व ब्रह्मांडों के संचालक हैं और अपने साधकों के पाप नाश कर सकते हैं।


 

Recent Comments

Latest Comments by users
यदि उपरोक्त सामग्री के संबंध में आपके कोई प्रश्न या सुझावहैं, तो कृपया हमें [email protected] पर ईमेल करें, हम इसे प्रमाण के साथ हल करने का प्रयास करेंगे।
Naheed

क्या अल्लाह का कोई नाम है?

Satlok Ashram

जी हां, अल्लाह का नाम कबीर है। अल्लाह कबीर जी की महिमा का वर्णन फजाईले दरूद शरीफ और कुरान शरीफ सूरत फुर्कानी 25:52 - 59 में भी किया गया है।

Ruksana

अल्लाह कबीर जी को महान क्यों माना जाता है?

Satlok Ashram

अल्लाह कबीर संपूर्ण ब्रह्मांडों के निर्माता हैं और वह सर्वोच्च हैं इसलिए उनको महान अल्लाह के रूप में जाना जाता है।