यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32
कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शांति दायक है
उशिगसी कविरंघारिसि बम्भारिसि....
उशिगसी = (सम्पूर्ण शांति दायक) कविरंघारिसि = (कविर्) कबिर परमेश्वर (अंघ) पाप का (अरि) शत्रु (असि) है अर्थात् पाप विनाशक कबीर है। बम्भारिसि = (बम्भारि) बन्धन का शत्रु अर्थात् बन्दी छोड़ कबीर परमेश्वर (असि) है।