Adhyatm Gyan Ka Gola | अध्यात्म ज्ञान का गोला
Published on Aug 9, 2018

अध्यात्म ज्ञान रूपी तोब का गोला
कबीर और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान। जैसे गोला तोब का, करता चले मैदान।।
अर्थात् जैसा कि वेदों में प्रमाण है कि परमात्मा पृथ्वी पर प्रकट होकर यथार्थ अध्यात्म ज्ञान स्वयं अपने मुख से बोली वाणी में बताता है जो सूक्ष्मवेद यानि तत्वज्ञान कहा जाता है। कबीर जुलाहा पूर्ण परमात्मा है। उन्होंने जो आध्यात्मिक ज्ञान अपनी कबीर वाणी में बोलकर बताया है, वह सूक्ष्मवेद यानि तत्वज्ञान है। यह सम्पूर्ण सत्य अध्यात्म ज्ञान है। इसके सामने अन्य ज्ञान जैसे चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद), अठारह पुराणों, ग्यारह उपनिषदों, गीता, कुरान, बाईबल (तौरेत, जबूर, इंजिल) का ज्ञान अधूरा व छोटा पड़ जाता है। जिससे भ्रम निवारण नहीं होता। परंतु कबीर जी का ज्ञान तोब यंत्रा के गोले के समान है जो अज्ञान रूपी दुर्ग को ढ़हाकर मैदान बना देता है यानि तत्वज्ञान समझने के पश्चात् कोई शंका साधक श्रद्धालु भक्त को नहीं रहती। संत रामपाल दास जी ने इसी कबीर अध्यात्म ज्ञान के गोले से सर्व धर्मगुरूओं व प्रचारकों के अध्यात्म ज्ञान को अधूरा यानि छोटा सिद्ध करके यथार्थ ज्ञान बताया है तथा खोज की है कि जो काशी शहर में कबीर जुलाहा रहा करता, वह पूर्ण प्रभु है, सर्व का रचनहार तथा पालनकर्ता है। आगे पढ़ें संक्षिप्त वर्णन:-