भगवान के बारे में माँ दुर्गा का ज्ञान


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दुर्गा पुराण श्रीमद देवी भागवत पुराण, गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित, सम्पादक- श्री हनुमान प्रसाद पोद्दर और चिमन लाल गोस्वामी।

स्कंद 7, अध्याय 36, पृष्ठ 562 - 563

श्री देवी जी कहने लगी- पर्वतराज! इस प्रकार योग युक्त होकर मुझ ब्रह्मस्वरूप देवी का ध्यान करे।

ऊपर की पंक्तियों में, देवी जी अपनी पूजा के बारे में बात कर रही हैं। देवी जी ने कहा इस प्रकार पूरी एकाग्रता से मेरा ध्यान करो।

फिर, आगे की पंक्तियों में देवी जी "उस ब्रम्ह" (कोई और प्रभु) का वर्णन करती है।

उस ब्रम्ह का क्या स्वरूप है- यह दिखलाया जाता है। जो प्रकाश स्वरूप, सबके अत्यंत समीप में स्तिथ है, ह्रदयरूप, गुहामे स्तिथ होने के कारण 'गुहाचर' नाम से प्रसिद्ध है और महान पद अर्थात परम प्राप्य है..........

इन पंक्तियों में श्री देवी जी "उस ब्रम्ह" का सुस्पष्ट वर्णन करती है।

फिर देवी कहती हैं-

सौम्य! उस वेदने योग्य लक्ष्य का तुम वेदन करो- मन लगाकर उसमे तन्मय हो जाओ।

सौम्य! उपनिषद में....... .... उस बाण को खींच कर उस अक्षर रूप ब्रम्ह को ही लक्ष्य बना कर वेधन करो। प्रणव (ॐ) धनुष है, जीवात्मा बाण है और ब्रम्ह को उसका लक्ष्य कहा जाता है। 

इन पंक्तियों में देवी जी "उस ब्रम्ह" की पूजा के बारे में स्पष्टतया से वर्णन कर रही हैं और न कि अपनी पूजा के बारे में।

पृष्ठ 563

देवी भागवत स्कन्द 7, अध्याय 36, पृष्ठ 563

उस एकमात्र परमात्मा को ही जानो, दूसरी सब बाते छोड़ दे। यही अमृत स्वरूप परमात्मा के पास पहुंचाने वाला पुल है। संसार समुद्र से पार होकर अमृत स्वरूप परमात्मा को प्राप्त करने का सुलभ साधन है.......
इस आत्मा का 'ॐ' के जप के साथ ध्यान करो। इस से अज्ञानमय अंधकार से सर्वथा परे और संसार-समुद्र से उस पार जो ब्रम्ह है, उसको पा जाओगे। तुम्हारा कल्याण हो।

यहाँ, देवी जी पूर्ण स्पष्टतया से उस 'एक परमात्मा' के बारे में वर्णन कर रही हैं और किसी और परमात्मा की पूजा करने के बारे में स्पष्टतया से कह रही है।

फिर देवी जी निम्नलिखित पंक्तियों में कहती हैं कि, वह ब्रम्ह ब्रम्हलोक में रहता है।

वह यह सबका आत्मा ब्रम्ह, ब्रम्हलोक रूप दिव्य अकाश में स्तिथ है।

गीता अध्याय 8, श्लोक 16 में, यह लिखा है कि ब्रम्हलोक भी नाशवान है जिसका मतलब है कि ब्रम्ह भी श्रेष्ठ परमात्मा नही है।

यह प्रमाणित करता है कि दुर्गा को भी श्रेष्ठ परमात्मा के बारे में पूरी जानकारी नही है।


 

FAQs : "भगवान के बारे में माँ दुर्गा का ज्ञान"

Q.1 क्या दुर्गा जी की शक्तिशाली देवी हैं?

जी नहीं, दुर्गा जी की शक्तियां बहुत सीमित है। दुर्गा जी भी हमें हमारे भाग्य में जो लिखा ही उतना ही दे सकती हैं। दुर्गा जी अपने पति ब्रह्म काल के आधीन हैं और उस के साथ मिलकर हम सभी प्राणियों को जन्म और मृत्यु के चक्र में फंसाए रखती हैं। यदि कोई भाग्य बदल सकता है तो वो कोई और नहीं बल्कि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी हैं। केवल कबीर परमेश्वर ही हमारे पापों का नाश करके हमें मोक्ष प्रदान कर सकते हैं।

Q.2 देवी दुर्गा जी के पिता कौन हैं?

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर साहेब जी देवी दुर्गा ही नहीं बल्कि हम सभी प्राणियों के पिता हैं। सतलोक में सर्वशक्तिमान कबीर साहेब जी ने दुर्गा को अपनी शब्द शक्ति से बनाया था। दुर्गा और ब्रह्म काल ने सतलोक में भयंकर गलती की थी जिस गलती के कारण दुर्गा और ब्रह्म काल को 21 ब्रह्मांडों में भेज दिया गया था।

Q. 3 दुर्गा जी की रचना कैसे हुई थी?

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर साहेब जी ने अपनी शब्द शक्ति से दुर्गा जी की रचना की थी।

Q.4 दुर्गा जी का कौन सा अवतार सबसे अधिक शक्तिशाली है?

दुर्गा जी का कोई भी अवतार शक्तिशाली नहीं है। दुर्गा देवी न तो हमारा भाग्य बदल सकती है और न ही हमारे पाप कर्मों को काट सकती है। इस तरह वह पूजा के योग्य भी नहीं है। केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी पूजनीय हैं और हमारा भाग्य भी बदल सकते हैं। कबीर साहेब जी हमारे पाप कर्मों का नाश कर हमें मोक्ष प्रदान कर सकते हैं।

Q.5 दुर्गा जी के 10 हाथ क्यों हैं?

दुर्गा जी के केवल 8 हाथ हैं इसलिए उन्हें अष्टांगी भी कहा जाता है।

Q.6 दुर्गा जी की पहली संतान कौन है?

दुर्गा और ब्रह्म काल के पति पत्नि व्यवहार से जो प्रथम संतान हुई, वह ब्रह्मा जी हैं। इस तरह ब्रह्मा जी देवी दुर्गा जी की पहली संतान हैं और सबसे बड़े हैं।फिर उसके बाद विष्णु जी और सबसे छोटे शिव जी का जन्म हुआ था।

Q.7 क्या दुर्गा जी अविवाहित है?

जी नहीं, दुर्गा जी का विवाह ब्रह्म काल से हुआ था। ब्रह्म काल को ज्योति निरंजन भी कहते हैं। दुर्गा और ब्रह्म काल के ब्रह्मा जी, विष्णु जी और शिव जी तीन पुत्र भी हैं।

Q.8 दुर्गा जी और काली देवी में से कौन अधिक शक्तिशाली है?

दुर्गा जी और काली देवी एक ही शक्ति हैं और इन दोनों में से कोई भी शक्तिशाली नहीं है।

Q.9 क्या दुर्गा जी का विवाह शिव जी से हुआ था?

जी नहीं, दुर्गा जी ब्रह्म काल की पत्नी है। दुर्गा जी या प्रकृति देवी का विवाह ज्योति निरंजन यानि कि ब्रह्म काल से हुआ था। शिव जी तो दुर्गा और ब्रह्म काल के सबसे छोटे पुत्र हैं। प्रमाण पवित्र गीता जी अध्याय 14 श्लोक 3 से 5 में भी है।

Q.10 विष्णु जी और दुर्गा जी में से कौन अधिक शक्तिशाली है?

न तो दुर्गा और न ही विष्णु जी शक्तिशाली हैं। दोनों के पास सीमित शक्तियां हैं और यह दोनों ही किसी भी जीव का उद्धार नहीं कर सकते।


 

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Sumit Gupta

क्या देवी दुर्गा जी सर्वशक्तिमान हैं और क्या वह किसी अन्य भगवान की भक्ति करती हैं?

Satlok Ashram

देवी दुर्गा जी सर्वोच्च शक्ति नहीं हैं। श्री दुर्गा पुराण में यह प्रमाण है कि इसमें दुर्गा जी ब्रह्मलोक प्राप्त करने के लिए 21 ब्रह्मांडों के मालिक ब्रह्म काल की पूजा करने और ओम मंत्र का जाप करने का निर्देश देती हैं। लेकिन पवित्र श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में यह प्रमाण है कि ब्रह्मलोक नाशवान है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि दुर्गा जी की तरह ब्रह्म काल भी पूर्ण परमात्मा नहीं है। सर्वशक्तिमान केवल कबीर साहेब जी हैं और वह ही सभी ब्रह्मांडों के निर्माता हैं।

Rinku Chaudhar

क्या दुर्गा जी की शक्तियां असीमित हैं?

Satlok Ashram

देवी दुर्गा जी जन्म और मृत्यु के चक्र में हैं और उनकी शक्तियां बहुत सीमित हैं। केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी के पास अनंत शक्तियां हैं और वे ही अमर हैं।

Gitanjali Sagar

देवी दुर्गा जी और शिव जी का आपस में क्या संबंध है?

Satlok Ashram

देवी दुर्गा ब्रह्म काल की पत्नी हैं। ब्रह्म काल को महाशिव, काल, ब्रह्म, ज्योति निरंजन, सदाशिव, क्षर पुरूष आदि नामों से भी जाना जाता है। महाशिव और देवी पार्वती के रूप में संयोग करने से पैदा हुआ पुत्र तमोगुण युक्त होता है। जिसको शिव जी के नाम से जाना जाता है। इस तरह देवी दुर्गा जी और भगवान शिव जी में मां-बेटे का रिश्ता है। देवी दुर्गा जी और काल ब्रह्म के अन्य दो पुत्र हैं, जिनको श्री ब्रह्मा जी और विष्णु जी के नाम से जाना जाता है।