आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा: संत रामपाल जी महाराज बनाम डा. जाकिर नाइक


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आज के इस वीडियो के माध्यम से हम डॉ जाकिर नायक द्वारा फैलायी भ्रांतियों को पहचानने में और स्पष्ट करने में आपकी मदद करेंगे। इस वीडियो में जानेंगे कि

  • पवित्र कुरान में परमेश्वर और शैतान में अंतर 
  • ऐसे मिथकों को सुलझाना जो मुसलमान समुदाय को ही नहीं बल्कि पूरी मानवता को प्रभावित करते हैं।

मिथक 1: परमेश्वर निराकार है

मुस्लिम धार्मिक प्रवक्ता डॉ. जाकिर नाइक ज़ोर देकर कहते हैं कि परमेश्वर निराकार है। इसके विपरीत, संत रामपाल जी महाराज शिक्षा देते हैं कि परमेश्वर का मानव जैसा रूप है। यही बात पवित्र कुरान से भी प्रमाणित होती हैं कि परमेश्वर ने मानव को अपने प्रतिरूप में बनाया। क्या क्रियाएं जैसे कि सिंहासन पर बैठना, आदम से बात करना, कपड़े बनाना और बाग में चलना एक निराकार कर सकता है? वास्तविकता में परमेश्वर मानव जैसे रूप में है, लेकिन उनका शरीर पाँच तत्वों से मिलकर नहीं बना है; वह "प्रकाश" से बना है, जिससे उनका शरीर स्वतः प्रकाशमय है।

मिथक 2: पवित्र कुरान के ज्ञान का प्रदाता परमेश्वर है

डॉ. जाकिर नाइक जैसे अन्य लोगों ने यह भ्रम फैलाया है कि सभी पवित्र ग्रंथों के ज्ञान का प्रदाता परमेश्वर है। हालांकि संत रामपाल जी महाराज पवित्र कुरान से संदर्भ लेकर इस बात का हवाला देते हैं कि अल्लाह के अलावा एक अन्य शक्ति भी है। अगर पवित्र कुरान का ज्ञानदाता अल्लाह है, तो वह दूसरे को अल्लाह के रूप में क्यों दर्शाता है और अपने वक्तव्य में "वह" का प्रयोग क्यों करता है? इससे पता चलता है कि अल्लाह कोई और हैं, पवित्र कुरान का ज्ञानदाता नहीं है।

मिथक 3: परमेश्वर ने मानवों को जानवरों का भोजन करने का आदेश दिया

डॉ. जाकिर नाइक के विचारों के अनुसार, भगवान ने मनुष्यों को जानवरों का भोजन करने का आदेश दिया है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज स्पष्ट करते हैं कि पवित्र कुरान और बाइबल में बीज वाले पौधों और फलों का सेवन करने का आदेश प्राप्त है। होली बाइबल उत्पत्ति ग्रंथ 1 छंद 27-29 में इसका प्रमाण है। जानवरों का भोजन का आदेश पवित्र कुरान के ज्ञानदाता से आता है, न कि सर्वोच्च भगवान से, जैसा कि पवित्र कुरान सूरह-अल-माइदा 5 आयत 1, 3 और सूरह-अल-मुएमिन 40 आयत 79 में उल्लेख किया गया है।

मिथक 4: जन्म और मृत्यु नहीं होती

डॉ. जाकिर नाइक यह मानते हैं कि जन्म और मौत नहीं होती हैं और आत्माएं कब्रों में क़यामत (जज्बात) तक रहती हैं। हालांकि, संत रामपाल जी महाराज पवित्र कुरान में कई सूरहों से प्रमाण प्रस्तुत करते हैं जो इस बात का विरोध करते हैं। पवित्र कुरान मजीद में निर्माण, विनाश और जन्म-मृत्यु के चक्र का उल्लेख है।

प्रमाण के लिए, कृपया सूरह कहफ 18 आयत 47, 48; सूरह मुल्क 67 आयत 2; सूरह-अर-रूम 30 आयत 11; सूरह अंबिया 21 आयत 104; सूरह-अल-बाकराह 2 आयत 25, 28, 29 देखें।

निष्कर्ष

हर धर्म में भ्रांतियां हैं और मुस्लिम धर्म से अछूता नहीं है। वास्तविक ज्ञान की खोज करना और धार्मिक ग्रंथों को गहराई से समझना महत्वपूर्ण है। संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं इन भ्रांतियों को स्पष्ट करने और मानवता को आत्मिकता की सही समझ की ओर ले जाने वाली हैं।